बेख़ौफ़ होकर
आँधियां आयेगी
रौंद कर ख्वाबों को
मैं अपने घरौंदे को ?
तड़पते हुये लहू-लुहान
अरमां के परिंदे को...?
कैसे रोक पाऊंगा
वो कहर-जलजला ?
बिखेर देगी तिनकों में
जो प्यारा घोसला
कुचल देगी पंजों से
हिम्मत और हौसला
हो जाओगी तू भी दूर
रह जायेगा फासला...!
बेफिक्र आशियां में
वो कहर-जलजला ?
बिखेर देगी तिनकों में
जो प्यारा घोसला
कुचल देगी पंजों से
हिम्मत और हौसला
हो जाओगी तू भी दूर
रह जायेगा फासला...!
बेफिक्र आशियां में
जो प्रेम पल रहे हैं
सदियों से उम्मीद में
जो चराग जल रहे हैं
वो अब बुझ जायेगा
और बुझ कर वहीँ पर
और बुझ कर वहीँ पर
स्याह बन जायेंगा !
उस स्याह को लिये मैं
यादों के दर्पण में
जब भी झाँकूंगा
अपनी ही नजरों में
बेदम गिर जाऊंगा ...!
सब बेखबर होंगे
सब बेखबर होंगे
अपनी दुनिया में
और तू भी होगी
एकदम, बेबस मौन...
फिर हमारे इस-
टूटे हुये सपनों को
टूटे हुये सपनों को
संभालेगा कौन...?
कौन होगा तुम्हारे बाद
कौन होगा तुम्हारे बाद
जो भरेगा ये घाव ?
कौन समझेगा
मेरे आँसूओं का भाव...?
कहाँ होगा मेरे
जीवन का पड़ाव ?
या फिर यूँ ही खेलेगी
तकदीर हमसे दाव...?
जब-जब नजर पड़ेगी
कहाँ होगा मेरे
जीवन का पड़ाव ?
या फिर यूँ ही खेलेगी
तकदीर हमसे दाव...?
जब-जब नजर पड़ेगी
तेरी तस्वीर पर
कई सवाल उभरेगा
अतीत के पटल पर
मैं बुत बन कर
सिसक पड़ूंगा
फिर अपने आप
चुप हो लूँगा...!
पलकों के पोर पे
पलकों के पोर पे
जब आंसू सूख जायेगा
तब दिले-नादां को
ये समझाऊंगा
ये समझाऊंगा
कि
" आँधियां आनी थी आयेगी
आशियाना छोड़ना नहीं
वो जब तक गैर न हो जाये
ये रिश्ता तोड़ना नहीं...! "
45 comments:
बहुत सुन्दर ||
दो सप्ताह के प्रवास के बाद
संयत हो पाया हूँ ||
बधाई ||
bahut achche jajbaat yaadon ko koi toofan mita nahi sakta.pahli baar padh rahi hoon aapko.bahut achcha laga.
आंधियां आती हैं तो आयें पर आशियाना अडिग खड़ा रहे!
वाह ...बहुत ही बढि़या ।
kisi bhi haal mein hausla mat ganwana ... bahut hi achhi rachna
इस भावपूर्ण रचना के लिए बधाई स्वीकारें
नीरज
सुंदर ब्लॉग और भावपूर्ण रचना!
बहुत उम्दा रचना
वो जब तक ग़ैर न हो जाये रिश्ता तोड़ना न नहीं ...वाह बहुत खूब लिखा है आपने बधाई समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है
बहुत भावपूर्ण रचना ... आंधियां गुज़र ही जाती हैं ..
kya baat hai sir jee... keep it up
वाह...
बहुत ही सुन्दर रचना है....
प्रत्येक कड़ी लाजवाब है....
बहुत खुबसुरत लगे आपके अंजुमन में फैले गुलाब !और वैसे ही मन को मोहित आपकी कविता !
http://armaanokidoli.blogspot.com/
कभी यहाँ भी तशरीफ लाए .,.धन्यवाद !
सच है रिश्तों की डोर बंधी रहनी चाहिए ... आंधियाँ तो आती जाती हैं .... उम्दा लिखा है ...
बहुत भावपूर्ण प्रस्तुति ! बहुत ही सुन्दर !
बहुत खुबसूरत, बहुत संवेदनशील रचना ......
बहुत भावपूर्ण रचना |'आंधियां आनी थी --------ये रिश्ते तोडना नहीं ,बहुत खूब |बधाई |
आशा
बहुत सुन्दर लिखा है अपने ...बधाई
bahut hi sundar jeevan ka varnan kiya hai bahut hi umda........lakha lkha badhi ap ko
bhavpurn abhivyakti....
बेबसी की आंधी ...... बहुत ही उम्दा रचना है ,मन के भाव को प्रकट करने को बहुत ही सही शब्दों का चुनाव .....बधाई मनीष जी
भावपूर्ण रचना , बधाई
गहरे भाव और अभिव्यक्ति के साथ शानदार रचना लिखा है आपने ! उम्दा प्रस्तुती!
मेरे नये पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
http://seawave-babli.blogspot.com
आँधियाँ आनी हैं आएँगी...बहुत सुन्दर रचना...बधाई
आंधियां आनी थीं आएँगी , आशियाना छोड़ना नहीं....
यही तो जिंदादिली है....
बहुत ही खुबसूरत अभिव्यक्ति ....बधाई.
बहुत ही उम्दा लिखा है. बेहद खुबसूरत..
bhavpoorn prastuti.
Thanks 4 stooping by !!
Lovely writing n awesome expressions :)
मन को छूती!! बधाई!!!
कल 26/11/2011को आपकी किसी पोस्टकी हलचल नयी पुरानी हलचल पर हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
कौन होगा तुम्हारे बाद जो भरेगा ये घाव ....बहुत सुन्दर ...कोमल प्यार से सजी रचना
बधाई हो ...
भ्रमर ५
bahut hi marmik n bhavpoorn abhivaykti.
कौन होगा तुम्हारे बाद
जो भरेगा ये घाव ?
कौन समझेगा
मेरे आँसूओं का भाव...?
कहाँ होगा मेरे
जीवन का पड़ाव ?
या फिर यूँ ही खेलेगी
तकदीर हमसे दाव..?
बहुत सुन्दरता से अपने अपने भावों को हम सब के साथ सांझा किया है .......मेरे ब्लॉग पर आकर उत्साहवर्धन कर टिप्पणी के लिए आपका धन्यवाद ....!
मेरे ब्लॉग का अनुसरण कर उत्साह बढाने के लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया .....आशा है आपका यह प्रेम निरंतर बना रहेगा ......!
भाई मनीष जी आपकी कविता बहुत अच्छी है यहाँ आना सुखद रहा |
आंधियां आनी थी आयेंगी...
सार्थक रचना मनीष भाई जी...
सादर बधाई स्वीकारें...
बेहद खूबसूरत पोस्ट ,..मेरा आना सार्थक रहा..
मेरे नए पोस्ट 'प्रतिस्पर्धा'में आपका इंतजार है ...
भावपूर्ण मार्मिक प्रेम रचना.
Behtarin rachna.
सार्थक प्रस्तुति। मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है । आभार.।
मनीष सिंह जी,
मेरे निदेशक साहब श्री मनोज कुमार जी भी आपके जिले के रहने वाले हैं । उनका ब्लॉग है मनोज एवं राजभाषा । इस पोस्ट पर जाते रहिएगा । धन्यवाद ।
बहुत गहन भाव उकेर है आपने रचना में.. बहुत बढ़िया रचना ..
मनीष सिंह जी ,मनोज कुमार जी का लिंक है- www.manojiofs.blogspot.com
बहुत अच्छी लगी रचना पढ़कर !
मेरे ब्लॉग पर आने का आभार !
आंधियां मन को और मजबूत बना देती है ....सुन्दर रचना के लिए आभार
bohot hi achchi rachna hai...
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