* * * * जीवन पुष्प * * * *
21 March, 2025
15 March, 2025
तुम्हारा कोहिनूर
नहीं मिलेगा तुम्हे
मेरे जैसा कोहिनूर ...
कीमत तब पता चलेगा
जब हो जाऊंगा तुमसे दूर ...
मुहब्बत दम न तोड़ दे
कही वक़्त के देहलीज़ पे ...
भुला कर सारी रंजिसे
कर लो प्यार भरपूर ....
अब जी लो संग संग
इन लम्हों को समेट लो ...
नहीं पता इन खुवाब का भी
हो ना जाये चकनाचूर .....
विवाद नहीं, विश्वास चाहिए
फिर होता है निभाने का
यक़ीनन रूहानी सुरूर ....
अगर न मिल पाओ उनसे कभी...
फिर भी जिंदा रहती है उम्मीदें....
और मुहब्बत हो अपनी सच्ची...
तो खुद पे ताउम्र होता है गुरूर .....
...भुला कर सारी रंजिसे
कर लो प्यार भरपूर.....
29 June, 2024
एक रूहानी रिश्ता
काश तुम अपनी हाथो खिलाती निबाला
जैसे कोई माँ ने अपने बच्चें
को हो पाला ..!
कोमल हथेली से बालों को सहलाती
अपने नोना बच्चे को अच्छे
से नहलाती !
एक सुकून के खातिर, तेरे बाहों
अकसर सोते
मिले जो कभी दर्द तो तेरे
सीने से लग कर रोते !
कभी रातों को जब भी नींद से
डर जाता
तुम्हारे सीने से लगकर एक
आहें भर लेता
कभी कोई आहट पर मैं जग न जाऊं
भूलकर कभी किसी के संग ना
जाऊं !
इतना ख़याल रखती तुम मम्मा
की तरह
मैं भी ताउम्र निभाता बेटू की तरह !
सारे रिश्तों का सयोंजन एक
में दीखता
तुम मुझ पे मरती और मैं तुम
पे मरता !
26 June, 2024
अध्यात्म
अध्याय के लिए अध्यन
आश्यक है
अध्यन के लिए एकांत
आवश्यक है
एकांत के लिए प्रकृति का सानिंध्य आवश्यक है
और इसी सानिंध्य में प्रेम
के वास्तविक
एवं मूलभूत ज्ञान की प्राप्ति
होती है
अंततः हमें ईश्वर के भी दर्शन
संभव होते है !