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22 May, 2023

तन्हा

 

था वक़्त का मारा पहले ही

तेरे प्यार का फिर मारा हो गया !!

 

तेरे कहने पर छोड़ दिया जग

क्यों अब तन्हा बेचारा हो गया !!

 



ख्वाब दिखा कर छीन गया सब

आपका हर गम हमारा हो गया !!

 

तुम खाई थी कसमें जनम जनम का

मैं  अब गली गली आवारा हो गया !!

 

भगवान् बना कर पूजा था मुझको

अब बता तेरा कौन, सहारा हो गया !!

 

कैसे खड़ा रहूँ ताउम्र वही पर   

जहाँ डुबोकर कस्ती, तू  किनारा हो गया !!

 

चलो इंतज़ार करेंगे फिर भी हमदम

तेरी बेरुखी फिर से प्यारा हो गया   !!

11 May, 2023

पर की परीक्षा

 


मेरे पर की परीक्षा

है इश्वर की इक्षा ...

खामोश जुबान

भरता हूँ उड़ान ...

जलता है तन

भीगता है मन...

पीता हूँ विष

होता हूँ चन्दन ..!

संघर्ष





संघर्ष था विरह था..

था सुनसान रेगिस्तान...

दिये है ज़िन्दगी में कई 

हमने कठोर इम्तिहान...

रंग था, बेरंग था,

उम्मीद औरे उमंग था

धुप था, छाव था

किसी का तो संग था  ....

खिलाया था हमने

मेहनत जो एक फूल

आज फिर बन गया वो,

मेरे क़दमों का धुल...

है दोष तकदीर का

या तदवीर का कहूँ

ताउम्र अच्छा है

मैं अब तन्हा रहूँ ....!!!

 

24 October, 2021

मेरे हबीब

 


ना जाने कितने रिश्ते टूट गए करीब का !
अब जा के हुआ है साथ मेरे हबीब का !!

खा कर ठोकरें गिरा हूँ ज़माने में बहुत 
जायेंगे संभल, ये तो खेल है नसीब का !

पाया हूँ सिद्दत से, कभी नहीं खोऊंगा तुम्हे
रखुं कांधे पे सर, सहलाना इस रकीब का   !

वादा करो निभायेंगे हम, साथ कयामत तक
मेरी नाजनी, है ये दुनिया बहुत अजीब का  !

बन जाऊँगा कभी मुकद्दर का सिकन्दर मैं 
बस दिलाते रहना यकीं, तुम इस गरीब का !


********************
हबीब = दोस्त  
रकीब = गरीब 
नाजनी = दोस्त (स्त्री)
मुकद्दर = किस्मत 
सिकंदर = सम्राट 


16 October, 2021

मेरा इश्क...मेरा गुरुर

 


क्यों खुली नहीं जुबां अभी तक

होठों को तो खिल जाने दो...!

कुछ दहक रही सीने के अन्दर

उसे आँखों से बह जाने दो ..!!

 

छुप कर यूँ झांकोगी कब तक

सब ख्वाब बयां यूँ हो जाने दो !

तुम इश्क जब इतना करती हो 

तो गुरुर मुझे भी कर जाने दो... !!


लिखिए अपनी भाषा में...

जीवन पुष्प

हमारे नये अतिथि !

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