काश तुम अपनी हाथो खिलाती निबाला
जैसे कोई माँ ने अपने बच्चें
को हो पाला ..!
कोमल हथेली से बालों को सहलाती
अपने नोना बच्चे को अच्छे
से नहलाती !
एक सुकून के खातिर, तेरे बाहों
अकसर सोते
मिले जो कभी दर्द तो तेरे
सीने से लग कर रोते !
कभी रातों को जब भी नींद से
डर जाता
तुम्हारे सीने से लगकर एक
आहें भर लेता
कभी कोई आहट पर मैं जग न जाऊं
भूलकर कभी किसी के संग ना
जाऊं !
इतना ख़याल रखती तुम मम्मा
की तरह
मैं भी ताउम्र निभाता बेटू की तरह !
सारे रिश्तों का सयोंजन एक
में दीखता
तुम मुझ पे मरती और मैं तुम
पे मरता !
No comments:
Post a Comment