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11 May, 2023

संघर्ष





संघर्ष था विरह था..

था सुनसान रेगिस्तान...

दिये है ज़िन्दगी में कई 

हमने कठोर इम्तिहान...

रंग था, बेरंग था,

उम्मीद औरे उमंग था

धुप था, छाव था

किसी का तो संग था  ....

खिलाया था हमने

मेहनत जो एक फूल

आज फिर बन गया वो,

मेरे क़दमों का धुल...

है दोष तकदीर का

या तदवीर का कहूँ

ताउम्र अच्छा है

मैं अब तन्हा रहूँ ....!!!

 

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जीवन पुष्प

हमारे नये अतिथि !

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