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19 October, 2011

अमावस की काली रात

अमावस की काली रात में
घनघोर घटा बरसात में,
रह-रह के मोरा जी घबराये
देर हुई मोरे पिया ना आये।

 

कैसे कटेगी भय की रतिया
कैसे करुंगी प्यार की बतिया,
तपन विरह की, तन को जलाये
देर हुई मोरे पिया ना आये।

सर-सर, सर- सर, पछुआ डोले
सन-सन तन करे हौले हौले,
व्याकुल मन में हूक उठाये
देर हुई मोरे पिया ना आये।


दादुर ताल-तलैया बोले
हृदय में एक गरल सा घोले,
काले भुजंग है फण फैलाये
देर हुई मोरे पिया ना आये।

घर पानी आंगन में पानी
मेरे दोनो नैन में पानी,
ये पानी दामन को भिंगाये
देर हुई, क्यों पिया ना आये...?

 ( शब्दार्थः गरल - जहर,  दादुर - मेढक,  भुजंग - सांप  )

34 comments:

Anju (Anu) Chaudhary said...

शब्दों के साथ मन के डर की खूबसूरत अभिव्यक्ति

Sunil Kumar said...

सादगी से भरी यह कविता , अच्छी लगी ........

Anita said...

यह सारा जीवन ही अमावस की काली रात है और वह परमात्मा ही पिया है जिसकी हर जीव को प्रतीक्षा है...परम प्रेम ही जीवन का ध्येय हो जाये तो एक दिन पूर्णिमा का चाँद भी भीतर नजर आता है...

रविकर said...

खूबसूरत अभिव्यक्ति ||

kanu..... said...

दादुर ताल-तलैया बोले
हृदय में एक गरल सा घोले,
काली भुजंग है फण फैलाये
देर हुई मोरे पिया ना आये।
bahut sundar

कविता रावत said...

दादुर ताल-तलैया बोले
हृदय में एक गरल सा घोले,
काली भुजंग है फण फैलाये
देर हुई मोरे पिया ना आये।
-piya se door virahani ki manodasha ka sundar chitran..

हरकीरत ' हीर' said...

सर-सर, सर- सर, पछुआ डोले
सन-सन तन करे हौले हौले,
व्याकुल मन में हूक उठाये
देर हुई मोरे पिया ना आये।

क्या बात है ....
मीठा मीठा रस घुला है ....

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत सुन्दर विरह गीत ..



कृपया टिप्पणी बॉक्स से वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें ...टिप्पणीकर्ता को सरलता होगी ...

वर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिए
डैशबोर्ड > सेटिंग्स > कमेंट्स > वर्ड वेरिफिकेशन को नो करें ..सेव करें ..बस हो गया .

Dr.NISHA MAHARANA said...

very nice .

Rachana said...

jal ka ko prayog aapne kiya hai vo bahut sunder hai.
badhai
rachana

संजय भास्‍कर said...

बहुत ही सुन्‍दर शब्‍दों....बेहतरीन भाव....खूबसूरत कविता...

रश्मि प्रभा... said...

घर पानी आंगन में पानी
मेरे दोनो नैन में पानी,
ये पानी दामन को भिंगाये
देर हुई, क्यों पिया ना आये...?
behad achhi rachna

tips hindi me said...

नमस्कार,
आप के लिए "दिवाली मुबारक" का एक सन्देश अलग तरीके से "टिप्स हिंदी में" ब्लॉग पर तिथि 26 अक्टूबर 2011 को सुबह के ठीक 8.00 बजे प्रकट होगा | इस पेज का टाइटल "आप सब को "टिप्स हिंदी में ब्लॉग की तरफ दीवाली के पावन अवसर पर शुभकामनाएं" होगा पर अपना सन्देश पाने के लिए आप के लिए एक बटन दिखाई देगा | आप उस बटन पर कलिक करेंगे तो आपके लिए सन्देश उभरेगा | आपसे गुजारिश है कि आप इस बधाई सन्देश को प्राप्त करने के लिए मेरे ब्लॉग पर जरूर दर्शन दें |
धन्यवाद |
विनीत नागपाल

Jeevan Pushp said...

आप सभी को टिपण्णी देने के लिए धन्यवाद !

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल कल 27-10 - 2011 को यहाँ भी है

...नयी पुरानी हलचल में आज ...

mridula pradhan said...

manmohak andaz......

Yashwant R. B. Mathur said...

बहुत ही अच्छा लिखा है सर!

सादर

Nityanand Gayen said...

बहुत सुंदर --

Amrita Tanmay said...

खूबसूरत अभिव्यक्ति

Hindi4Tech said...

shandar.......isey Bhi Dekhey

www.hindi4tech.blogspot.com

tips hindi me said...

मनीष जी,
नमस्कार,
आपके ब्लॉग को "सिटी जलालाबाद डाट ब्लॉगसपाट डाट काम" के "हिंदी ब्लॉग लिस्ट पेज" में शामिल कर लिया गया है |

tips hindi me said...

कृपया माडरेशन का विकल्प हटा दें |

अनुपमा पाठक said...

मधुर गीत!

ऋता शेखर 'मधु' said...

bahut achhi rachna...badhai!
kal chhath vrat ki post dekhiega.
blog pr aane ke liye aabhar.

'साहिल' said...

विरह की वेदना को प्रस्तुत करती बहुत खूबसूरत कविता!

Sonroopa Vishal said...

आपका ब्लॉग भी सुंदर है और कविता भी ....मेरे ब्लॉग को ज्वाइन किया उसके लिए आभार !

Asha Lata Saxena said...

भावपूर्ण रचना|बधाई
आशा

Anonymous said...

खूबसूरत भाव....
just excellent....!!

***punam***

bas yun...hi..
tumhare liye...

दिगम्बर नासवा said...

जीवन की रीत तो ये अँधेरी दुनिया ही है ... मन में प्रेम रुपी पिया को जगाना पढता है ... सुन्दर पंक्तियाँ हैं ...

प्रियंका गुप्ता said...

सुन्दर भावनाओं की सुन्दर प्रस्तुति...ऐसा ही लिखते रहिए...बधाई...।

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

बहुत खूबसूरत गीत मनीष जी....
वाह! सादर बधाई....

निर्झर'नीर said...

बहुत अच्छा लिखते है आप ..लय,शब्द और भाव हर लिहाज से
काली भुजंग की जगह काले भुजंग होना चाहिए शायद एक बार फिर से देख लीजिये ..शुभकामनायें

avanti singh said...

aap ki rachna bahut hi saral bhasha me hai lekin bahut hi manmohak hai....bdhaai ....

मेरा मन पंछी सा said...

bahut hi accha likha hai.
beautiful

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जीवन पुष्प

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