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29 June, 2024

एक रूहानी रिश्ता




काश तुम अपनी हाथो खिलाती निबाला

जैसे कोई माँ ने अपने बच्चें को हो पाला ..!

 

कोमल हथेली से बालों को सहलाती  

अपने नोना बच्चे को अच्छे से नहलाती !

 

एक सुकून के खातिर, तेरे बाहों अकसर सोते  

मिले जो कभी दर्द तो तेरे सीने से लग कर रोते !

 

कभी रातों को जब भी नींद से डर जाता

तुम्हारे सीने से लगकर एक आहें भर लेता

 

कभी कोई आहट पर मैं जग न जाऊं

भूलकर कभी किसी के संग ना जाऊं !

 

इतना ख़याल रखती तुम मम्मा की तरह

मैं भी ताउम्र  निभाता बेटू  की तरह !

 

सारे रिश्तों का सयोंजन एक में दीखता

तुम मुझ पे मरती और मैं तुम पे मरता !


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