मेरे मन की चौखट पे
वो दस्तक देती रही
मेरी त्रुटियों पे
नतमस्तक होती रही
अविचल बैठी रही
बनकर एक धीर
वो चुपचाप बहाती रही
अपने नेत्रों से नीर !
धैर्य को समेटे
आँखों में अविरत
न कोई विचलन
और न कोई कपट
मन के मंदिर में
उपवास लिये वो
गंगा किनारे
कल्पवास लिये वो
क्षत -विक्षत करती रही
अपनी हिम्मत का जीर
वो चुपचाप बहाती रही
अपने नेत्रों से नीर !
परिशोषण हो चला था
आँखों में अश्रुजल का
दरारें फट रही थी
कोमल अधर का
वो समझाना चाहती थी
कुछ बताना चाहती थी
कोई अन्दर की पीर
वो चुपचाप बहाती रही
अपने नेत्रों से नीर !
उसे हमारे दर पर
प्रेम कभी न मिला
वो ध्यान करती रही
उसे ध्यान कभी न मिला
कराहती रही वो
पुकारती रही वो
बेसुध खाती रही
उपेक्षाओं का तीर...
वो चुपचाप बहाती रही
अपने नेत्रों से नीर !
एक सुषुप्त चेतना को
अथक जगाती रही
तिरस्कार से निरंतर
आजादी माँगती रही
अंततः ईश्वर ने
निष्ठुरता की छाँव में
उसके कोमल पाँव में
डाल दिया बरबस
बेबसी की जंजीर...
वो चुपचाप बहाती रही
अपने नेत्रों से नीर !
क्यों मेरे जीवन में
ये भूल हो गई ?
आज मेरे क़दमों की
वो धूल हो गई...
वो तो आई थी बनने
मेरे हाथों की लकीर
पर दगा दे गई
उसकी ही तकदीर...
वो चुपचाप बहाती रही
अपने नेत्रों से नीर...!
47 comments:
dil ko chhuti rachna
हाथों की लकीर का पैरों का धुल बन जाना .. क्या कहूँ...?
इस पोस्ट के लिए धन्यवाद । मरे नए पोस्ट :साहिर लुधियानवी" पर आपका इंतजार रहेगा ।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति| धन्यवाद|
उसकी आँखों का नीर महसूस हो गया तो भी शायद उसे संतोष जाए...
हाथों की लकीर से धूल बन जाना निश्चित त्रासद रहा होगा!
दिल से लिखी गयी और दिल पर असर करने वाली रचना ......
bahut hi sundar, bhavpurn or pyarbhari rachana
hai...
गहरी संवेदना लिए पंक्तियाँ..... उपेक्षित प्रेम के हिस्से प्रतीक्षा और आंसू ही आते हैं
very touching.....
गहन संवेदनाओं को लिए सुन्दर प्रस्तुति
इन लफ़्ज़ो मे तारीफ़ करूँ………………स्त्री जीवन , उसकी पीडा , उसके अस्तित्व का कितना शालीनता से चित्रण किया है कि नतमस्तक हूँ…………बेहतरीन शब्द रचना……………सीधा दिल मे उतर गयी……………वाह वाह वाह वाह और सिर्फ़ और सिर्फ़ वाह वाह!!!!!!!!!
bahut sundar.....
आपके इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल दिनांक 12-12-2011 को सोमवारीय चर्चा मंच पर भी होगी। सूचनार्थ
गहन संवेदना...
दिल को छू गई उसके नेत्रों की नीर...नि:शब्द कर देने वाली बेहद खूबसूरत रचना|
बेहतरीन प्रस्तुति ।
बहुत ही खूबसूरत
अति सुन्दर अभिव्यक्ति....!
sundar rachnaa
कभी कभी आंसू धनद बन जाते हिन् .... मुखर हो जाते अहिं पीर बयान कर देते हैं ...
भावमयी अंतर्स्पर्शी रचना....
सादर बधाई.....
वेदना का सजीव चित्रण ..वाह बहुत बढिया
बधाई
bahut marmik dil ki gahraaiyon me utarti rachna.bahut badhiya.
मन को छू लेने वाली सुंदर रचना,......
मेरी नई पोस्ट की चंद लाइनें पेश है....
सब कुछ जनता जान गई ,इनके कर्म उजागर है
चुल्लू भर जनता के हिस्से,इनके हिस्से सागर है,
छल का सूरज डूबेगा , नई रौशनी आयेगी
अंधियारे बाटें है तुमने, जनता सबक सिखायेगी,
पूरी रचना पढ़ने के लिए काव्यान्जलि मे click करे
behtreen prstuti..........
Wah!!! Adbhut...Sundar shabd prayog...
सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति है आपकी.
आभार.
behad umda..dil ko choo lene wali..pahli mulakar yadgar mulakat hai..mere blog par bhi apka swagat hai..apne mere blog join kiya .hriday se dhanyawad..sadar
भावमयी सुन्दर रचना ,बहुत बढ़िया
vah bhai Nirala ji bahut sundar marmsaprshi rachana .. vaki kabile tareef ... apka blog to bhai ak yadgar bn jayega .. bahut bahut abhar .
भावमई सुंदर रचना ..
haut hi sunder evam bhavpurn prastuti...........
जब-जब हस्त-रेखाएं,जंजीर बनी हैं
तब-तब साथी पूजा भी इक पीर बनी है
बहुत भावपूर्ण रचना.....
behad samvedansheen rchana hae
आपका पोस्ट पर आना बहुत ही अच्छा लगा मेरे नए पोस्ट "खुशवंत सिंह" पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।
बहुत अच्छी कविता लिखी है आपने।
bahut hee sundar kavita ...laajwaab ..badi dard bhari
maarmik rachna, kisi ko zindagi mein lakar use door kar dena kai baar apni takdeer ko kho dena hota hai. adhikaansh aurat ki yahi kahani...
भावपूर्ण सुंदर पोस्ट.....
नये पोस्ट की चंद लाइनें पेश है.....
पूजा में मंत्र का, साधुओं में संत का,
आज के जनतंत्र का, कहानी में अन्त का,
शिक्षा में संस्थान का, कलयुग में विज्ञानं का
बनावटी शान का, मेड इन जापान का,
पूरी रचना पढ़ने के लिए काव्यान्जलि मे click करे
उम्दा रचना लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! बधाई!
मेरे नये पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
http://seawave-babli.blogspot.com/
भावपूर्ण रचना
very nice.
क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनायें !
मेरे नये पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
http://seawave-babli.blogspot.com/
आपका पोस्ट अच्छा लगा । मेरे नए पोस्ट उपेंद्र नाथ अश्क पर आपके प्रतिक्रियाओं की आतुरता से प्रतीक्षा रहेगी । धन्यवाद ।
behad sundar Nirala ji .... abhar..Mere naye post pr aamantran sweekar kren.
उत्कृष्ट अभिव्यक्ति ........
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