तू नहीं तो कुछ भी नहीं
इस व्यथित मन को
मुक्ति भी नहीं
मुक्ति भी नहीं
देखो इस खंजर को
ये हमसे रूठ गया है
ये हमसे रूठ गया है
खामोश है सितार भी
इसका कोई शायद
इसका कोई शायद
तार टूट गया है...!
कलाई की चूड़ी
अब खनकती ही नहीं
पावों की पायल
छनकती ही नहीं
वक्त गुजर रहा है
साँसे अटक रही है
सुनसान रेगिस्तान में
जिंदगी सरक रही है
ये हुस्न पहाड़ों का भी
काँटों से भर गया है
रंगमहल बन गया है
एक डरावना खँडहर
कुछ दहक-सी रही है
मेरे सीने के अन्दर ...!
मैं बिखरे ख्यालों को
कब तक समेटती रहूँ
अपने ही वजूद को
कब तक तलाशती रहूँ
मुझे एतवार था खुदा पर,
और, शहजादे तुम पर
कि एक दिन लौट आओगे
तुम बनकर मेरा फ़रिश्ता
छुट गया था अपना साथ जो
उस मोड़ की दहलीज पर
तुम आकर निभाओगे
फिर से रूहानी रिश्ता ...!
49 comments:
बहुत बढ़िया भाव अभिव्यक्ति,बेहतरीन रचना,..
भूले सब सब शिकवे गिले,भूले सभी मलाल
होली पर हम सब मिले खेले खूब गुलाल,
खेले खूब गुलाल, रंग की हो बरसातें
नफरत को बिसराय, प्यार की दे सौगाते,
NEW POST फुहार...डिस्को रंग...
खूबसूरत अभिव्यक्ति
इन्तेज़ार की इन्तहा...
कविता के रूप में अभिव्यक्त होती है..
सुन्दर..
sundar rachna
गहन विचार लिए रचना |बहुत सुन्दर शब्द चयन |
होली पर हार्दिक शुभ कामनाएं |
आशा
बहुत ही बढ़िया
सादर
khubsurat bahv..
होली की खुमार परवान चढ़े जीवन के सारे रंग अपने स्वरुप को सुघरता प्रदान करते हुए अनंत खुशियों को वरण करें ,होली की और सृजन की ह्रदय से बधाईयाँ जी /
सादर !
सुदर और कोमल भावनाओं से भरी रचना !
बधाई !
अनुपम भाव संयोजन लिए उत्कृष्ट अभिव्यक्ति ।
बेहद खूबसूरत मन के भाव इंतज़ार में ........
होली की शुभकामनाएं
प्रतीक्षा बहुत ही कष्ट देती है ... भावों को शब्दों में उतारा है ...
दिल को मसोसती पल पल राह ताकती प्रेयसी की ....अपने प्रीतम की ...कुछ ऐसे भाव संजोये है यह रचना .होली मुबारक .
मैं बिखरे ख्यालों को
कब तक समेटती रहूँ
अपने ही वजूद को
कब तक तलाशती रहूँ... कैसी तलाश , कहाँ तलाश ... तुम्हारा वजूद हमेशा साथ था , है, रहेगा
बेहतरीन भाव पूर्ण सार्थक रचना,
इंडिया दर्पण की ओर से होली की अग्रिम शुभकामनाएँ।
बहुत ही सुन्दर ..
बेहतरीन भाव अभिव्यक्ति...
होली की शुभकामनाए ****"**
very touching.
सुंदर भाव अभिव्यक्ति,दिल को छूती बेहतरीन रचना,..
होली की बहुत२ बधाई शुभकामनाए...
RECENT POST...काव्यान्जलि ...रंग रंगीली होली आई,
pahli baar apke blog se ru-b-ru hui hun. aapko padhna sukhad raha. sunder prastuti.
sundar bhavon ke sath sundar drishy bhi .....bahut bahut badhai Nirala ji ....holi pr hardik subhkamnayen.
प्रभावशाली लेखनी ...
रंगोत्सव की आपको शुभकामनायें ...
मर्मस्पर्शी रचना...इन्तजार की
और वजूद के तलाश की भी
होली की शुभकामनाएँ!
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♥ होली ऐसी खेलिए, प्रेम पाए विस्तार ! ♥
♥ मरुथल मन में बह उठे… मृदु शीतल जल-धार !! ♥
आपको सपरिवार
होली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
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बहुत अच्छी प्रस्तुति| होली की आपको हार्दिक शुभकामनाएँ|
dil ko chune vali prastuti..bahut sundar
bahut hi sundar kalpana se pare !!
holi ki subhkamnayen !!
एक अच्छी कविता।
भावों की सुंदर अभिव्यक्ति।
बहुत सुंदर रचना, बेहतरीन प्रस्तुति.......
MY RESENT POST ...काव्यान्जलि ...:बसंती रंग छा गया,...
बहुत सुन्दर सृजन, बधाई.
मेरे ब्लॉग meri kavitayen पर आपका हार्दिक स्वागत है, कृपया पधारें.
wah nirala ji sundar rachana ke liye ak bar punh badhai ....apke naye post ki prateeksha hai.
khoobsurat...
bahot achchi......
bahut bahut bahut hi sundar rachna ,antim bhag nichor hai
आपके पोस्ट पर आना सार्थक हुआ । प्रस्तुति अच्छी लगी । मेरे पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।
वाह...वाह...वाह...
सुन्दर प्रस्तुति.....बहुत बहुत बधाई...
beautiful & touchy
bahut sunder ... !!!
नहीं होता किसी से कोई रूहानी रिश्ता, न आता शहजादा बनकर कोई फरिश्ता, फिर भी मन है कि भ्रम में जिए जाता है कि शायद... बहुत सुन्दर रचना, बधाई.
बहुत सुन्दर रचना...
भावपूर्ण.
बधाई.
अनु
nicely written !
bahut sunder kavita sunder bhavon se saji
rachana
बहुत ही बेहतरीन रचना....
मेरे ब्लॉग
विचार बोध पर आपका हार्दिक स्वागत है।
रामनवमी की शुभकामनाएँ।
बहुत ही बेहतरीन रचना....
मेरे ब्लॉग
विचार बोध पर आपका हार्दिक स्वागत है।
रामनवमी की शुभकामनाएँ।
रूहानी रिश्ते का ख्वाब ....सुंदर अभिव्यक्ति ......
कभी नहीं टूटता ये रूहानी रिश्ता,
जरुर लौटेगा वह बनकर फ़रिश्ता ...
बहुत सुन्दर....
बहुत बढ़िया प्रस्तुति,सुंदर अभिव्यक्ति,बेहतरीन रचना....
बहुत सुन्दर सृजन, सुन्दर भाव, बधाई.
कृपया मेरी नवीनतम पोस्ट पर पधारकर अपना शुभाशीष प्रदान करें , आभारी होऊंगा .
बहुत सुन्दर भाव ..जिन्दगी भी परीक्षा लेना शुरू करती है तो अंत नहीं दीखता ...काश इन के फ़रिश्ता लौट आते ...
मनीष सिंह निराला जी..मूलभाव ..यादें ..झरोखा ..सुन्दर ..जय श्री राधे
भ्रमर ५
भ्रमर का दर्द और दर्पण
जरुर लौटेगा वह बनकर फ़रिश्ता ...
बहुत सुन्दर...
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