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04 March, 2012

मेरा फ़रिश्ता


तू नहीं तो कुछ भी नहीं
इस व्यथित मन को 
मुक्ति भी नहीं 
देखो इस खंजर को 
ये हमसे रूठ गया है 
खामोश है सितार भी 
इसका कोई शायद
तार टूट गया है...!


कलाई की चूड़ी
अब खनकती ही नहीं
पावों की पायल
छनकती ही नहीं
वक्त गुजर रहा है 
साँसे अटक रही है 
सुनसान रेगिस्तान में 
जिंदगी सरक रही है
ये हुस्न पहाड़ों का भी 
काँटों से भर गया  है 
रंगमहल बन गया है 
एक डरावना खँडहर
कुछ दहक-सी रही है 
मेरे सीने के अन्दर ...!


मैं बिखरे ख्यालों को  
कब तक समेटती रहूँ
अपने ही वजूद को 
कब तक तलाशती रहूँ
मुझे एतवार था खुदा पर,
और, शहजादे तुम  पर
कि एक दिन लौट आओगे 
तुम बनकर मेरा फ़रिश्ता 
छुट गया था अपना साथ जो
उस मोड़ की दहलीज पर
तुम आकर निभाओगे 
फिर से रूहानी रिश्ता ...!

49 comments:

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

बहुत बढ़िया भाव अभिव्यक्ति,बेहतरीन रचना,..

भूले सब सब शिकवे गिले,भूले सभी मलाल
होली पर हम सब मिले खेले खूब गुलाल,
खेले खूब गुलाल, रंग की हो बरसातें
नफरत को बिसराय, प्यार की दे सौगाते,

NEW POST फुहार...डिस्को रंग...

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

खूबसूरत अभिव्यक्ति

vidya said...

इन्तेज़ार की इन्तहा...
कविता के रूप में अभिव्यक्त होती है..
सुन्दर..

sangita said...

sundar rachna

Asha Lata Saxena said...

गहन विचार लिए रचना |बहुत सुन्दर शब्द चयन |
होली पर हार्दिक शुभ कामनाएं |
आशा

Yashwant R. B. Mathur said...

बहुत ही बढ़िया

सादर

poonam said...

khubsurat bahv..

udaya veer singh said...

होली की खुमार परवान चढ़े जीवन के सारे रंग अपने स्वरुप को सुघरता प्रदान करते हुए अनंत खुशियों को वरण करें ,होली की और सृजन की ह्रदय से बधाईयाँ जी /

Anamikaghatak said...

सादर !
सुदर और कोमल भावनाओं से भरी रचना !
बधाई !

सदा said...

अनुपम भाव संयोजन लिए उत्‍कृष्‍ट अभिव्‍यक्ति ।

Anju (Anu) Chaudhary said...

बेहद खूबसूरत मन के भाव इंतज़ार में ........


होली की शुभकामनाएं

दिगम्बर नासवा said...

प्रतीक्षा बहुत ही कष्ट देती है ... भावों को शब्दों में उतारा है ...

virendra sharma said...

दिल को मसोसती पल पल राह ताकती प्रेयसी की ....अपने प्रीतम की ...कुछ ऐसे भाव संजोये है यह रचना .होली मुबारक .

रश्मि प्रभा... said...

मैं बिखरे ख्यालों को
कब तक समेटती रहूँ
अपने ही वजूद को
कब तक तलाशती रहूँ... कैसी तलाश , कहाँ तलाश ... तुम्हारा वजूद हमेशा साथ था , है, रहेगा

India Darpan said...

बेहतरीन भाव पूर्ण सार्थक रचना,
इंडिया दर्पण की ओर से होली की अग्रिम शुभकामनाएँ।

मेरा मन पंछी सा said...

बहुत ही सुन्दर ..
बेहतरीन भाव अभिव्यक्ति...
होली की शुभकामनाए ****"**

Dr.NISHA MAHARANA said...

very touching.

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

सुंदर भाव अभिव्यक्ति,दिल को छूती बेहतरीन रचना,..
होली की बहुत२ बधाई शुभकामनाए...

RECENT POST...काव्यान्जलि ...रंग रंगीली होली आई,

अनामिका की सदायें ...... said...

pahli baar apke blog se ru-b-ru hui hun. aapko padhna sukhad raha. sunder prastuti.

Naveen Mani Tripathi said...

sundar bhavon ke sath sundar drishy bhi .....bahut bahut badhai Nirala ji ....holi pr hardik subhkamnayen.

Satish Saxena said...

प्रभावशाली लेखनी ...
रंगोत्सव की आपको शुभकामनायें ...

ऋता शेखर 'मधु' said...

मर्मस्पर्शी रचना...इन्तजार की
और वजूद के तलाश की भी
होली की शुभकामनाएँ!

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार said...

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♥ होली ऐसी खेलिए, प्रेम पाए विस्तार ! ♥
♥ मरुथल मन में बह उठे… मृदु शीतल जल-धार !! ♥



आपको सपरिवार
होली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
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Patali-The-Village said...

बहुत अच्छी प्रस्तुति| होली की आपको हार्दिक शुभकामनाएँ|

Monika Jain said...

dil ko chune vali prastuti..bahut sundar

ASHOK BIRLA said...

bahut hi sundar kalpana se pare !!

holi ki subhkamnayen !!

महेन्‍द्र वर्मा said...

एक अच्छी कविता।
भावों की सुंदर अभिव्यक्ति।

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

बहुत सुंदर रचना, बेहतरीन प्रस्तुति.......

MY RESENT POST ...काव्यान्जलि ...:बसंती रंग छा गया,...

S.N SHUKLA said...

बहुत सुन्दर सृजन, बधाई.

मेरे ब्लॉग meri kavitayen पर आपका हार्दिक स्वागत है, कृपया पधारें.

Naveen Mani Tripathi said...

wah nirala ji sundar rachana ke liye ak bar punh badhai ....apke naye post ki prateeksha hai.

Ayodhya Prasad said...

khoobsurat...

mridula pradhan said...

bahot achchi......

ज्योति सिंह said...

bahut bahut bahut hi sundar rachna ,antim bhag nichor hai

प्रेम सरोवर said...

आपके पोस्ट पर आना सार्थक हुआ । प्रस्तुति अच्छी लगी । मेरे पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' said...

वाह...वाह...वाह...
सुन्दर प्रस्तुति.....बहुत बहुत बधाई...

Anonymous said...

beautiful & touchy

Dr Xitija Singh said...

bahut sunder ... !!!

डॉ. जेन्नी शबनम said...

नहीं होता किसी से कोई रूहानी रिश्ता, न आता शहजादा बनकर कोई फरिश्ता, फिर भी मन है कि भ्रम में जिए जाता है कि शायद... बहुत सुन्दर रचना, बधाई.

ANULATA RAJ NAIR said...

बहुत सुन्दर रचना...
भावपूर्ण.

बधाई.
अनु

Sonroopa Vishal said...

nicely written !

Rachana said...

bahut sunder kavita sunder bhavon se saji
rachana

Shanti Garg said...

बहुत ही बेहतरीन रचना....
मेरे ब्लॉग

विचार बोध
पर आपका हार्दिक स्वागत है।
रामनवमी की शुभकामनाएँ।

Shanti Garg said...

बहुत ही बेहतरीन रचना....
मेरे ब्लॉग

विचार बोध
पर आपका हार्दिक स्वागत है।
रामनवमी की शुभकामनाएँ।

Anupama Tripathi said...

रूहानी रिश्ते का ख्वाब ....सुंदर अभिव्यक्ति ......

संध्या शर्मा said...

कभी नहीं टूटता ये रूहानी रिश्ता,
जरुर लौटेगा वह बनकर फ़रिश्ता ...
बहुत सुन्दर....

Sawai Singh Rajpurohit said...

बहुत बढ़िया प्रस्तुति,सुंदर अभिव्यक्ति,बेहतरीन रचना....

S.N SHUKLA said...

बहुत सुन्दर सृजन, सुन्दर भाव, बधाई.

कृपया मेरी नवीनतम पोस्ट पर पधारकर अपना शुभाशीष प्रदान करें , आभारी होऊंगा .

Surendra shukla" Bhramar"5 said...

बहुत सुन्दर भाव ..जिन्दगी भी परीक्षा लेना शुरू करती है तो अंत नहीं दीखता ...काश इन के फ़रिश्ता लौट आते ...
मनीष सिंह निराला जी..मूलभाव ..यादें ..झरोखा ..सुन्दर ..जय श्री राधे
भ्रमर ५
भ्रमर का दर्द और दर्पण

संजय भास्‍कर said...

जरुर लौटेगा वह बनकर फ़रिश्ता ...
बहुत सुन्दर...

लिखिए अपनी भाषा में...

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